Friday, January 16, 2009

वर्ष २००८ विद्यार्थी परिषद् जामिया इकाई का लेखा-जोखा

वर्ष २००८ विद्यार्थी परिषद् ही नही देश के इतिहास के पन्नो में जामिया अभाविप का कार्य स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा । दुनिया चाहे लाख कोशिश करे एक दिन हमारे साहसी साथियों देशप्रेमियों की छोटी से छोटी कुर्बानी भी रंग लाएगी । याद रहे आजाद भारत का एक मात्र विश्व विद्यालय जामिया जहाँ हमारे साथी वन्देमातरम गाने पर फ़ेल हो जाते । शर्म । शर्म। शर्म। जहाँ तिरंगा फहराने पर अघोषित पाबन्दी है। शर्म करो देश के सेकुलरों और बांकी बचे देशभक्तों की आजाद भारतकी राजधानी दिल्ली मैं ऐसा हो रहा है। पर इस की चर्चा नही होती , मुशीरुल हसन आतंकियों का साथ देने आगे आते है तो मीडिया टूट पड़ती है। उसी दिन हमारे विरोध को ग़लत तरीके से पेश किया जाता है। आज जो भी हालत बने हैं उसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं -"जब भी अच्छा करने वालों को ताली देनी थी हम ने नही दिया , जब भी बुरा करने वालों को गाली देनी थी हमने नही दी "
राष्ट्र कवि दिनकर कहते हैं -----"न्योछावर मैं एक फूल , जग की ऐसी रित कहाँ
एक पंक्ति मेरी सुधि में भी सस्ते इतने गीत कहाँ "।
जामिया इकाई के कुछ महत्वपूर्ण काम --------------------------
(१) २५-०९-०८ को जामिया परिसर में कुलपति के राष्ट्र विरोधी कार्यों के खिलाफ प्रदर्शन , पुतला फूंका
और पचासों छात्र गिरफ्तार हुए ।
(२)तब से आज तक अलग-अलग तरीको जैसे पोस्टर, पर्चो , आदि के मध्यम से विरोध जारी।
(३)अमर शहीद मोहन चंद्र शर्मा की सहादत पर राजनीती करने वाले गद्दार अमर सिंह के घर पर श्री राम सेना के साथ मिल कर हमला किया ।
(४) कुछ दिन बाद फ़िर समाजवादी पार्टी का दफ्तर तोडा ।
(५)दिल्ली विश्व विद्यालय में आयोजित एक सेमिनार में देश द्रोही गिलानी के मुह पर थूका जिसमे हमारे कार्यकर्ताओं का पूरा सहयोग था । और यह घटना भी श्री राम सेना और जामिया विद्यार्थी परिषद् का संयुक्त कार्य था।

आप सोच रहे होंगे भाई सारे काम तो तोड़ -फोड़ वाले हैं ,लेकिन ऐसी बात नही हैं ।
(१) हर महीने की पहली रविवार को अलग -अलग विश्व विद्यालय के छात्रो के संग वाद-विवाद तथा सम्बंधित समसामयिक विषयों पर चर्चा का आयोजन जामिया इकाई पास के ही एक मन्दिर में करती है ।
(२) साथ ही तीनो महत्वपूर्ण जगहों जे एन यु , जामिया और d .u में राष्ट्रवादी रंगमंच की नीव डाली जा चुकी है और अगले महीने से रंगमंचीय गतिविधियाँ भी शुरू हो जाएँगी ।
(३)इसके अलावा काव्य पाठ , कहानी लेखन तथा विभिन पत्र-पत्रिकाओं में लेखन के लिए कार्यकर्ताओं को सुविधा मुहैया कराने का काम भी जामिया इकाई करती रही है। विदेश में प्रवास कर रहे राष्ट्रभक्त और महान हिन्दी सेवी सुभाष सहगल पंछी जी का कविता पाठ कराने की योजना पर काम चल रहा है।
(४) विभिन्न वेबसाइट जैसे प्रवक्ता। कॉम तथा हिंदुस्तान समाचार के साथ हमारे मीडिया के कार्यकर्ता बंधू अनेक रचनात्मक कार्यो में संलग्न हैं।
तो जी साहब हम पढ़े लिखे लोग हैं जो अपने तरीके से समाज में बदलाव लाना चाहते हैं। आज का युवा जिस तरह से हर बात में chup -chap बैठे हैं ,उसे तोड़ना चाहते हैं । हम राजनीति करने नही बल्कि देश सेवा करने आए है । हमारी धरती हमारी मातृभूमि ही हमारा करियर है । हमें किसी कुर्सी की चाहत नही, न ही केवल चुनाव के समय जागते हैं, हम तो साल भर जागने और दूसरो को जगाने वाले भारत माँ के बेटे हैं और अपने दम पर जीते हैं । जामिया में पढ़ रहे राष्ट्र भक्तों से आग्रह है की भाई हमारे साथ आओ और कुछ ऐसा कर जाओ कि ख़ुद से निगाह तो मिला सको। नपुंसकों कि भांति चुप्पी साध कर जीना हमने तो छोड़ दिया अब आपकी baari है, कैसे जीना चाहते हो ये आपकी मर्जी है??
वंदे मातरम .................................... भारत माता की जय ........................जय हिंद जय भारत.................................. इस धरती पर रहना है तो वंदे मातरम् कहना होगा.......................जय श्री राम ..................

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