JAMIA MILLIA ISLAMIA में अपनी जान और कैरियर की परवाह न करते हुए आज हमारे साथ २०० से अधिक कार्यकर्त्ता कम कर रहे हैं । भारतीय इतिहास में पहली बार जामिया जैसे जगह जहाँ पर खुले आम लोकतंत्र की हत्या की जाती हो ,वहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की शाखा खुलना और महज एक साल के अंदर इतनी सदस्य संख्या तक पहुंचना एक क्रान्तिकारी घटना साबित होगी । कहते हैं न जल में रहकर मगर से बैर " वाली कहावत को हमारे जोशीले देशभक्त युवा कार्यकर्ताओं ने सच कर दिखाया है । पहली इकाई की बैठक में ४० लोगों की उपस्थिति मेरे लिए एक सुखद अहसास था । आख़िर मेरी मेहनत का फल था भाई ! अभी कुछ दिन ही बीते थे की अचानक बतला हाउस में आतंकियों के इन्कोउन्टर की घटना घटी । हमारे कुलपति मुशीरुल-हसन ने पकड़े गए आतंकियों को कानूनी मदद मुहैया कराने की घोसना की , तब हमने फ़ैसला किया विरोध का ।२५ सितम्बर ०८ जामिया में मुशीरुल हसन द्वारा आतंकियों के समर्थन में करीब ४ -५ हजार स्थानीय मुस्लिमो और छात्रों की भीड़ थी । हम भी खड़े थे बांकी बहरी लोगों के इन्तेजार में , तब हमारी संख्या भी लगभग ५० की थी लेकिन डी यु और अन्य जगहों से करीब ३२-३३ लोगों के पहुँचने तक १२ -१३ लोग बचे थे । हमने भी जम कर विरोध परदरशन किया और गिरफ्तारियां भी दी। कुल मिलकर इस घटना के बाद से जामिया में विद्यार्थी परिषद् के अस्तित्व का पता सब को चल गया है । अब हमें उम्मीद है आने वाले सत्र में और भी राष्ट्रप्रेमी हमसे जुडेंगे और हमारी इस वैचारिक लडाई को आगे ले जायेंगे । अंत में मुझे गर्व है जामिया इकाई के संथापक सदस्य होने का । जय हिंद ! वंदे मातरम ! भारत माता की जय !
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3 comments:
इस हेतु हार्दिक बधाई।
SBAI TSALIIM
MARCH ON, MARCH ON - ABVP MARCH ON
!!!
AIK BAAR DIL SE - AIK BAAR JOR SE PARISHAD -PARISHAD !!!!
HUM TO TNHA HI CHALE THE ,JANIBE MANZIL MAGAR,
HUMSAFAR MILTE GYE KARWAN BANTA GYA !!
NISHCHIT TOR PAR JAMIA ABVP ALAKH JGANE KA KAAM BHI KAREGI OR RANBHERI BAJANE KA BHI !!
HUM LADENGE OR JITENGE !!
NA JHUKEGA SAR VATAN KA ES UDAAN KI KASAM !! HIDUTAAN KI KASAM !!1
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